विधायक को भी नहीं बख्शा, मेडिक्लेम के लिए मांगी रिश्वत
सेहतराग टीम
सरकारी विभागों से अपना काम करवाना कितना मुश्किल हो गया है इसका अंदाजा धीरे-धीरे अब नेताओं को भी होने लगा है। ताजा मामला मध्यप्रदेश का है जहां सरकारी कर्मचारी इतने दबंग हो गए हैं कि अब सत्तापक्ष के विधायकों से भी घूस मानने में नहीं हिचकते।
किसके साथ हुआ मामला
राज्य के के सिवनी-मालवा क्षेत्र से से भाजपा के वरिष्ठ विधायक एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री सरताज सिंह का आरोप है कि भोपाल के वल्लभ भवन स्थित मध्यप्रदेश सचिवालय के कर्मचारियों ने उनके मेडिकल क्लेम का भुगतान करने के एवज में रिश्वत मांगी। सिंह मध्यप्रदेश के भी वन मंत्री रह चुके हैं और प्रदेश के जाने-माने नेता हैं।
आरोप
सरताज सिंह के अनुसार उन्होंने पिछले महीने भोपाल के नेशनल हॉस्पीटल में अपना इलाज करवाया था। नियमानुसार इस इलाज के खर्च के भुगतान के लिए सारा पेपर वर्क करवा के उन्होंने अपने सहायक को वल्लभ भवन भेजा। वहां से उनके सहायक ने फोन करके बताया कि मेडिकल बिल को क्लियर करने के लिए वल्लभ भवन के कर्मचारी कमीशन मांग रहे हैं। यह सुनकर उन्हें गुस्सा आ गया और उन्होंने तत्काल अपने सहायक को कहा कि बिल की फाइल वहीं फेंक दो और वापस आ जाओ। सिंह ने कहा कि इसके बाद क्या हुआ उन्हें नहीं पता।
अपनी ही सरकार पर हमला
सरताज सिंह ने परोक्ष रूप से अपनी ही पार्टी की सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि यह हाल एक विधायक का है तो आम आदमी की क्या हालत होगी इसे सहज ही समझा जा सकता है। उन्होंने कहा कि राज्य में कोई भी काम बिना पैसे के नहीं हो रहा है।
क्या कहते हैं शीर्ष अधिकारी
दूसरी ओर इस आरोप पर राज्य के स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मचा हुआ है। सफाई देने खुद राज्य के स्वास्थ्य सचिव कवीन्द्र कियावत सामने आए। उन्होंने विधायक के आरोप पर ही सवाल खड़ा करने की कोशिश की और कहा कि प्रदेश के विधायक अपना मेडिकल बिल भुगतान के लिए राज्य विधानसभा सचिवालय को भेजते हैं न कि वल्लभ भवन। उन्होंने यह कह कर अपना पल्ला झाड़ लिया कि उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं है और न ही मामला उनके संज्ञान में लाया गया है।
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